ऋषिकेश कुदरत का दिया वह नायाब तोहफा जो की पुरे विश्व में भारत की पहचान है। ऋषिकेश का इतिहास साधु संत , ऋषि मुनियों एवं देवी देवताओं की कहानियों से जुड़ा हुआ है जैसे की इसका नाम है ऋषि केश अथवा यह स्थान हजारों ऋषि मुनियों की तपोभूमि रहा है। आज यह गंगा किनारे बसा हुआ शहर विश्व भर में योग की राजधानी के नाम से भी जाना जाता है जहाँ विश्वभर से लोग योग एवं ध्यान सीखने आते है जिनमे अधिकतर विदेशी पर्यटक यहाँ होते है। ऋषिकेश को मंदिरों के शहर के रूप में भी जाना जाता है जहाँ शृंखलाबद्ध मंदिर , धर्मशालाएं और आश्रम गंगा किनारे बसे हुए है। ऋषिकेश के प्रमुख पर्यटन स्थल और अन्य भ्रमण गतिविधियों के बारे में जानकारी ले
ऋषिकेश भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है जो की उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से मात्र 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह स्थान हरिद्वार के बाद दूसरा स्थान है जहाँ गंगा नदी पहाड़ों से उतरकर मैदानों में आकर मिलती है और अपनी लगभग 2600 किलोमीटर की यात्रा प्रारम्भ करती है। ऋषिकेश का ध्यान आते है मन हिलोरे लेने लगता है वहां के ऊँचे ऊँचे पहाड़ बहते झरने दूध जैसी नदिया विशाल मंदिर और शांतिप्रिय वातावरण किसी को भी मंत्रमुग्ध कर देता है।
ऋषिकेश विश्व भर में रोमांचक पर्यटन गतिविधियों के लिए भी ख़ास स्थान है जहाँ दुनिया भर के पर्यटक अपने रोमांच से जुडी हुई गतिविधियों को अंजाम देते है जिनमे प्रमुख है वाटर राफ्टिंग , बंजी जंपिंग, ट्रैकिंग एवं एयर सफारी। इन मुख्या खेलों के लिए यह स्थल एक दम सटीक है जहाँ का खुशनुमा वातावरण और सदाबहार मौसम आपको जन्नत की सेर का एहसास करता है। आइये इस लेख के माध्यम से आपको ऋषिकेश के कुछ रोमांचक पर्यटक स्थलों की सैर पर लेकर चलते है।
नीर झरना –
यह पर्यटन स्थल ऋषिकेश के कुछ अनछुए स्थानों में से एक है जहाँ बहुत ही खूबसूरत प्राकर्तिक नज़रों का समावेश है। नीर झरना आज भी काफी लोगों की नज़र से दूर है क्युकी यहाँ के बारे में सभी पर्यटकों को बहुत अधिक जानकारी नहीं होती यह स्थान लक्ष्मण झूला जो की वहां का मुख्य पर्यटन स्थल है से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहाँ आपको बड़ो के लिए 30 रुपए का टिकट लेने के बाद ऊपर झरने तक जाने का अवसर मिलता है यहाँ दो प्राकर्तिक झरने है जो की पहाड़ों के बीच से बैठे है पहला झरना कुछ दूर चलने पर आ जाता है जबकि दूसरे झरने के लिए आपको एक किलोमीटर ऊपर चढ़के जाना होता है यहाँ काफी लोग पिकनिक मानाने आते है और प्रकृति की गोद में बसा हुआ यह बहुत ही रमणीक स्थल है।
यहाँ आपको पहाड़ के दोनों तरफ से तेज़ गति में झरने बहते हुए मिलते है जिन्हे एक पुल के माध्यम से आपस में जोड़ा गया है जो की देखने में बहुत हु सूंदर लगता है और इस पुल के माध्यम से लोग दोनों तरफ आजा सकते है। यहाँ आपको खाने पीने के लिए चाय और नास्ते के स्टाल्स मिल जाते है जहाँ आप झरने के समीप बैठकर शानदार मैगी नूडल्स का आनंद ले सकते है यहाँ 10 वर्ष तक के आयु के बच्चो के लिए टिकट फ्री है और इस जगह को घूमने का आनंद आप गर्मियों में बेहतर ले सकते है जब आप यहाँ झरनो में स्नान कर सकते है।
कौड़ियाल –राफ्टिंग ऋषिकेश
कौडियाल ऋषिकेश का एक मुख्य पर्यटन स्थल है जहाँ पर्यटक रोमांचक गतिविधियों का आनंद प्राप्त करने आते है । यहाँ होने वाले रोमांचक खेल जैसे की रिवर राफ्टिंग , बंजी जंपिंग , पर्वतरोहण ,रिवर क्रासिंग विश्व भर में प्रसिद्द है जिनका लुत्फ उठाने देश विदेश से सैलानी यहाँ एकत्र होते है। ऋषिकेश में आप 6 अलग अलग लेवल की राफ्टिंग का आनंद ले सकते है जीने मुख्य है शिवपुरी से कौड़ियाल तक की रिवर राफ्टिंग जो की गंगा नदी के कांच जैसे स्वक्ष और सफ़ेद पानी में कराई जाती है।
यहाँ आपको सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध है जिनमे से प्रमुख है यहाँ रूककर कैंपिंग का आनंद लेना जहाँ नदी किनारे लोग अपने कैंप लगाकर यहाँ के खूबसूरत नज़ारे , गंगा नदी और शाकाहारी भोजन का आनंद प्राप्त करते है। यह स्थान ऋषिकेश के मुख्य पार्टी स्थलों में से एक है। यह स्थान ऋषिकेश से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहाँ शिवपुरी से राफ्टिंग शुरू होकर कौड़ियाल पर समाप्त होती है।
यह स्थान पहाड़ों और हरे भरे जंगलों के बीच बसा हुआ है और यहाँ आकर पर्यटकों को अद्भुत शांति प्राप्त होती है। ज्यादातर पर्यटक ऋषिकेश आकर मुख्य पर्यटन स्थलों पर घूमकर चले जाते है पर अगर आप के पास समय है तब एक रात आप यहाँ इन कैम्प्स में रूककर यहाँ के वास्तविक खूबसूरती से रूबरू हो सकते है इस जगह का मुख्य आकर्षण कैंपिंग और वाटर राफ्टिंग ही है।
Suggested Tours
हवाई सफारी (एयर सफारी) –ऋषिकेश
जैसे की आप जानते है ऋषिकेश दुनिया भर के लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है और यहाँ दुनिया के कोने कोने से लोग धार्मिक मंदिरों और अन्य पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए आते है। जैसा कि आप जानते है की ऋषिकेश रोमांचक पर्यटन के लिए भी विश्व पटल पर अपनी अनूठी छाप छोड़े हुए है और यहाँ लोग आकर तरह तरह की रोमांचक गतिविधियों का आनंद लेते है। पर्यटकों के बढ़ते आगमन को देखकर ऋषिकेश में दिन पर दिन नए नए आयाम जुड़ते चले आ रहे है उनमे से एक है हवाई सफर ऋषिकेश (एयर सफारी) जो की कुछ ही वर्षो पहले ऋषिकेश में शुरू हुआ है और आज के दौर में इसका आनंद लेने वाले पर्यटकों का तांता लगा रहता है
इस एयर सफारी की शुरुआत एक निजी कंपनी द्वारा शुरू की गयी है जिसका कार्यालय तपोवन में स्थित है जहाँ से आप इस हवाई सफर की बुकिंग कर सकते है इस हवाई सफर में आपको एक हलके एयरक्राफ्ट द्वारा हवा में ले जाया जाता है जहाँ आपके साथ एक विशेषज्ञ पायलट भी रहता है जो की इसे चलने में आपकी मदद करता है एवं आपको ऋषिकेश के जंगल और गंगा नदी के मनभावन दृश्यों का अवलोकन करता है। यह आपके लिए एक अनूठा अनुभव है जहाँ आप किसी पक्षी की भाँती सैर करते हुए देहरादून और ऋषिकेश की पहाडियों से गुजरते हुए गंगा नदी के उन दृश्यों के अपनी नंगी आँखों से देख पाते है जो की आम पर्यटक के लिए असंभव है।
इस यात्रा के लिए सभी जरुरी सुरक्षा मानकों को कंपनी द्वारा पूरा किया जाता है और यहाँ 4 तरह की अलग अलग राइड पर्यटकों के लिए उपलब्ध है जो की कीमत और समय के हिसाब से सेवा उपलब्ध कराती है जैसे की किटी हॉक जिसका समय है 10 से 12 मिनट, एक्स्प्लोरर जिसका समय है 18 से 22 मिनट, वैली एक्सपीडिशन 25 से 30 मिनट और आखरी है ऋषिकेश एक्सपीडिशन जो की लगभग 60-70 मिनट में पूरी की जाती है। अगर अपनी ऋषिकेश यात्रा के दौरान आप एयर सफारी का लुत्फ़ उठाना चाहते है तो सबसे पहले एक दिन पूर्व इसकी बुकिंग करा ले। यह गतिविधि हर रोज़ सुबह देहरादून के समीप एक स्थान से शुरू होती है जहाँ तक आपको अपने वाहनों से पहुंचना पड़ता है। यह अनुभव आपको जीवन भर ऋषिकेश यात्रा की याद दिलाएगा।
नीलकंठ महादेव मंदिर
ऋषिकेश से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है नीलकंठ महादेव मंदिर जो की भारत वर्ष में भगवान् शिव के प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है यहाँ मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है और यहाँ वर्ष भर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। श्रवण मॉस के दौरान यहाँ बहुत बड़ा मेला लगता है और भगवान् शिव के दर्शन करने लोग देश के कोने कोने से यहाँ पहुँचते है। यह मंदिर ऋषिकेश के समीप पौर गढ़वाल राज्य में स्थित है जो को घने जंगलों के बीच स्थित है नीलकंठ महादेव का स्थान नर नारायण पर्वत श्रृंखलों से जुड़ा हुआ है और यहाँ जाने के लिए आपको ऋषिकेश से टैक्सी और बस आसानी से उपलब्ध होते है।
कुछ पर्यटक यहाँ कुदरत के बेहतरीन नज़रों का आनंद लेते हुए राम झूला से पैदल यात्रा करके भी यहाँ पहुँचते है जिसकी लगभग दूरी 22 किलोमीटर है यहाँ के सूंदर दृश्य आपका मन मोह लेते है यह मंदिर एक बड़े से प्रांगण में ऊपर से नीचे की तरफ बना हुआ है जिसके ऊपरी सिखर पर समुद्र मंथन का दृश्य है जहाँ एक तरफ दानव और एक तरफ देवता शेषनाग रुपी रस्सी से समुद्र का मंथन करते नज़र आते है। पौराणिक कथाओ के आधार पर यह मन जाता है की यही वह स्थान है जहाँ भगवान् शिव ने समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को अपने कंठ में प्रवेश कराया तह तभी से इस स्थान का नाम नील कंठ महादेव पद गया।
यहाँ मंदिर के बाहर ही एक शानदार झरना है जिसमे पहाड़ों से पानी आता है और श्रद्धालु उसमे स्नान करके भगवान् शिव के दर्शन करते है। ऋषिकेश से यहाँ आते वक़्त आपको गंगा नदी और पौरी गढ़वाल में बसे छोटे छोटे गांव के लोग और उनके जीवन को समझने का मौका मिलता है अथवा आप यह भी देख पाते है की किन विषम परिस्थितयों में वह पहाड़ की चोटियों पर खेती करते है। ऋषिकेश आने पर आपको नीलकंठ महादेव के दर्शन अवश्य करने चाहिए।
बीटल्स आश्रम –ऋषिकेश
ऋषिकेश में राम झूला से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बीटल्स आश्रम जिसे पूर्व में लोग चौरासी कुटिया आश्रम के नाम से जानते थे। इस अहराम का निर्माण पहुँचनहे हुए संत स्वामी महेश योगी जी ने योग और साधना के केंद्र के रूप में की थी जहाँ लोग देश के अलग अलग स्थानों से आकर स्वामी महेश योगी जी की शरण में योग और साधना का प्रशिक्षण लेते थ। सन सत्तर के दशक में यूरोप के मशहूर बैंड बीटल्स के कलाकरों ने यहाँ श्री महेश योगी जी के आश्रम में रहकर योग और साधना का प्रशिक्षण लिया था बीटल्स बैंड उस्वक़्त दुनिया के सबसे कामयाब बैंड्स में से एक था अथवा उनके ऋषिकेश प्रवास की खबर दुनिया भर में फ़ैल गयी और इस चौरसिया कुटिया आश्रम को लोग बीटल्स आश्रम के नाम से जाने लगे।
इस आश्रम के अंदर सीमेंट से बानी हुई 84 झोपड़ियां थी जहाँ वह रहकर योग और साधना का प्रशिक्षण लेते थे वो लगभग एक माह से अधिक समय तह इसी स्थान पर रहे और अपने प्रवास के दौरान उन्होंने कई गाने लिखे जो की आगे चलकर सरे विश्व में मसहूर हुए। उनके इस प्रवास के दौरान वह लोग आश्रम के सत्संग हाल और दीवारों पर तरह तरह की चित्रकारी की जिसे लोग उनके वहां से जाने के बाद देखने आते है।
ऐसा मन जाता है की बीटल्स के वहां प्रवास के उपरान्त ही ऋषिकेश को दुनिया भर में योग की राजधानी के रूप में जाना जाता है। वर्तमान में यहाँ महेश योगी जी के आश्रम के अवशेष है और अब यह जगह सरकारी संपत्ति है जिसका भ्रमण करने के लिए आपको लगभग 100 रूपये का शुल्क अदा करना होता है। यहाँ आकर लोग बीटल्स जैसे मशहूर बैंड और आध्यात्म के बीच के जुड़ाव को महसूस करते है।
लक्ष्मण झूला –ऋषिकेश
लक्ष्मण झूला ऋषिकेश का सjबसे प्रसिद्द पर्यटक स्थल है जहाँ लगभग हर पर्यटक अपनी तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया पर डालता है। लक्षमण झूले का इतिहास काफी पौराणिक है ऐसा माना जाता है की मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम के अनुज लक्ष्मण ने यहाँ २ जूट की रस्सियों का पुल बनाकर गंगा नदी को पार किया था उनकी इसी शक्ति प्रदर्शन से प्रेरणा लेकर सन 1889 में यहाँ सरकार ने 284 फ़ीट लम्बे झूलते हुए पुल का निर्माण किया जो की देश भर से आये पर्यटकों के लिए एक मुख्य आकर्षण का केंद्र था।
लेकिन समय समय पर आती रही भयंकर बाढ़ के दौरान वह स्थिर नहीं रह पाए और फिर सन 1924 में इसका निर्माण दोबारा से कराया गया जिसको इस बार मजबूती से लोहे की सस्पेंशन रोड के द्वारा बनाया गया है जो की आज तक भी यथा स्तिथि में मौजूद है और यहाँ आने वाले पर्यटक इसी पुल का इस्तेमाल करके गंगा नदी के इस ओर से दूसरी ओर जाते है जहाँ गंगा नदी के एक तरफ प्रसिद्द मंदिर, आश्रम और धर्मशालाएं है वहीँ दूसरी ओर होटल्स , रेस्टोरेंट और पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। लक्षमण झूला पर आप दोपहिया वहां लेकर भी आ जा सकते है वहां रहने वाले लोग इस पुल का इस्तेमाल नियमित तौर पर करते है।
परमार्थ निकेतन आश्रम -ऋषिकेश
परमार्थ निकेतन आश्रम विश्व भर में सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल जिसके अनुयायी विश्व भर में फैले हुए है। ऋषिकेश आने वाले लगभग ज्यादातर पर्यटकों का शाम का मुख्य आकर्षण परमार्थ निकेतन आश्रम होते है जहाँ गंगा जी की महाआरती का विशेष आयोजन किया जाता है जिसमे देश के प्रसिद्द बॉलीवुड हस्तियों और संगीतकारों को आप अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए देख सकते है।
इस आश्रम का निर्माण सन 1940 में स्वामी सुखदेवानंद जी और उनके संतो के समूह द्वारा गंगा नदी किनारे ध्यान और योग के लिए उचित स्थान के रूप में किया था जैसे जैसे संतो और भक्तों का जमावड़ा होता गया यहाँ मुख्य भवनों का निर्माण भी शुरू हो गया जिनमे बड़े बड़े सत्संग हॉल, योग और ध्यान की प्रयोग शालाएं फूलों के बगीचे,फलों के वृक्ष, डॉक्टर सम्बन्धी सुविधाएं , पुस्तकालय अथवा पूजा विशेष मुख्य है।
इसके उपरांत इस भवन का नाम स्वामी जी द्वारा परमार्थ निकेतन दिया गया जो की वर्तमान में ऋषिकेश में अध्यात्म का मुख्य आकर्षण है। यहाँ लोग योग , साधना और अध्यात्म की खोज में विश्व भर से आते है यहाँ यात्रियों के ठहरने के लिए भी उचित व्यवस्था मौजूद है जहाँ वाजिफ दामों में उच्च स्तरीय व्यवस्था मिलती है अथवा परमार्थ निकेतन ट्रस्ट द्वारा आपका पूरा ख्याल रखा जाता है। इस आश्रम का समस्त वातावरण बहुत ही खूबसूरत एवं ऊर्जा प्रदान करने वाला है जहाँ आकर हर कोई प्रभु भक्ति में लीं हो जाता है।
यहाँ की विशेष आरती ऋषिकेश के आकर्षण का मुख्य केंद्र है जहाँ शाम होते ही कोने कोने से पर्यटक एवं श्रद्धालु परमार्थ निकेतन के घाट पर एकत्र होकर गंगा माँ की आरती का आनंद प्राप्त करते है।
त्रिवेणी घाट ऋषिकेश
त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का प्रमुख पर्यटन स्थल है जहाँ हजारो पर्यटक सुबह शाम गंगा आरती एवं गंगा स्नान का आनंद लेने एकत्र होते है। त्रिवेणी घाट बहुत ही सुन्दर एवं बड़ा घाट है जो की गंगा नदी की दूसरी तरफ बसा हुआ है यह स्थान मुख्य रूप से छोटे होटल, बाजार एवं धर्मशालाओं का जमावड़ा है त्रिवेणी घाट पर बहुत ही उचित दामों में ठहरने के लिए धर्मशालाएं और होटल उपलब्ध है ऐसा माना जाता है की त्रिवेणी घाट पर पौराणिक काल में देवता भी स्नान करते थे और यह मान्यता है की यहाँ स्नान करने से व्यक्ति के जीवन में किये हुए सारे पाप धूल जाते है। यहाँ स्नान करने के उपरांत घाट पर उपस्थित नारायण मंदिर के दर्शन करते है और उसके उपरांत यहाँ होने वाली महा गंगा आरती का आनंद लेते है।
Suggested Tour Packages
परमार्थ निकेतन के बाद ऋषिकेश में यह दूसरा स्थान है जहाँ महा आरती का आयोजन किया जाता है। यहाँ पुरोहितों का एक समूह पीले वस्त्र धारण किये बड़े बड़े घी के जलते हुए दिए , घंटे और संख के साथ में संस्कृत में मन्त्रों के उच्चारण के साथ इस महा आरती की शुरुआत करते है। यहाँ इस मनभावन दृश्य का लुत्फ़ उठाने दूर दूर से लोग आते है और इस त्रिवेणी घाट के अविश्वमर्नीय पलों का आनंद प्राप्त करते है। यहाँ के बाजार भी बहुत ही आकर्षक है जिनमे आप रंग बिरंगे परिधान , खिलोने , पूजा सम्बन्धी वस्तुए , श्रृंगार एवं रुद्राक्ष की माल और मूर्तियां खरीद सकते है।
त्रिवेणी घाट से बहार निकलते है आपको खाने पीने के प्रसिद्द भोजनालय एवं मिठाई की दुकाने देखने को मिलती है जहाँ आप मन चाहे व्यंजन और मिठाइयों का स्वाद ले सकते है। यहाँ के प्रसिद्ध शाकाहारी भोजनालय में सबसे प्रसिद्द भोजनालय है राजस्थली भोजनालय जहाँ का खाना बेहद लजीज और स्वादिष्ट है और यह हर वक़्त सैलानियों से भरा रहता है।
अगर आप ऋषिकेश की यात्रा पर है तब आपको एक ऐसे भोजनालय के दर्शन करने का मौका मिलेगा जो की अपने आप में विश्व प्रसिद्द एवं खाने के पीने के शौकीनों के लिए किसी जन्नत से काम नहीं है। यह एक शुद्ध शाकाहारी भोजनालय है जो की राम झूला के समीप है यहाँ आपको उत्तर भारत, दक्षिण भारत और चाइनीज़ भोजन की तमाम तरह के व्यंजन खाने को मिलते है।
इस भोजनालय का मुख्य आकर्षण यहाँ का स्वागत सत्कार है जो की अपने आप में अद्भुत है यहाँ आपको एक मोटा ताज़ा व्यक्ति जो की सर पर एक लम्बी सी चोटी रखता है एक अलग तरह का श्रृंगार किये हुए एक रेस्टोरेंट के दरवाज़े पर बैठा मिलता है जो की आपका स्वागत एक घंटी बजा कर करता है। उस विचित्र तरह के व्यक्ति और उसके श्रृंगार ले लोग दीवाने है यहाँ आने वाला लगभग हर व्यक्ति उस ख़ास चोटीवाले व्यक्ति के साथ तसवीरें खींचे बिना नहीं रह पाटा , यहाँ का भोजन भौ अपने आप में लज़ीज़ है और ऐसा मन जाता है की यह ऋषिकेश का सबसे प्रसिद्द भोजनालय है।
इस ख़ास व्यक्ति की एक और ख़ास बात है की ये देखने में बिलकुल मूर्ति जैसा प्रतीत होता है और इसके चेहरे पर कोई भी भाव नहीं होते। यहाँ की एक ख़ास बात और है की चोटीवाला भोजनालय में किसी भी तरह का कोई फीडबैक किताब या विज़िटर्स की किताब मौजूद नहीं है जहाँ व्यक्ति भोजन सम्बन्धी अपने विचार प्रकट कर सके बल्किउसकी जगह जिस व्यक्ति को यहाँ का भोजन अच्छा लगता है वो घंटी बजा कर अपनी खुशी जाहिर करता है।
स्वर्ग आश्रम –ऋषिकेश
यु तो ऋषिकेश में हजारो धर्मशालाएं और मंदिर है पर स्वर्ग आश्रम वहां का सबसे प्राचीन और लोकप्रिय आश्रम है जिसकी ख्याति विश्व भर में प्रसिद्द है स्वर्ग आश्रम ऋषिकेश का सबसे व्यस्त आश्रम है जो की राम झूले से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। इस आश्रम का निर्माण स्वामी विशुद्धानन्द जी की स्मृति में किया गया था जिन्हे लोग काली कमली वाले बाबा के नाम से भी जानते है “काली कमली ” का अर्थ होता है काला शॉल और इस आश्रम का पूर्व में नाम काली कमली आश्रम था। ऋषिकेश में जो लोग अध्यात्म की खोज में आते है उनके लिए यह स्थान उपयुक्त है जहाँ हर वक़्त बड़े बड़े भक्तिमय कार्यक्रम, भगवत कथाये , संगीतमय कार्यक्रम , ध्यान एवं योग की प्रयोगशालाएं चलती रहती है।
यहाँ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए उचित दाम पर रहने की सुविधा भी उपलब्ध है यहाँ का वातावरण काफी शुद्ध है जहाँ आपको गंगा किनारे हरे भरे पेड़ पौधे , पहाड़ और झरने देखने को मिलते है। यहाँ आश्रम के प्रांगण में ही काफी सूंदर बगीचे मौजूद है जिनमे खूबसूरत फूल और फलों के वृक्ष लगे हुए है यहाँ आश्रम की खुद की मेडीकल सम्बंधित सुविधाएं , पुस्तकालय , दूध की डेरी, योग और ध्यान के आश्रम एवं सभी तरह की जरुरी सुविधाएं उपलब्ध है।
यहाँ आने वाले ज्यादातर पर्यटक इस प्राकर्तिक वातावरण का आनंद लेने की वजह से ही स्वर्ग आश्रम में प्रवास करते है। अगर आप ऋषिकेश यात्रा पर है तो एक बार इस मनभावन स्थान का भ्रमण जरूर करके आये।