दोस्तों जैसा की आप जानते है की आगरा शहर विश्वभर में ताज महल जैसी अनूठी ईमारत के लिए जाना जाता है और यहाँ दुनिया के कोने कोने से लाखों पर्यटक इस अजूबे को निहारने आते है जिनमे विदेशी पर्यटक भी बड़ी तादात में आते है। आगरा शहर विश्वस्तरीय स्मारकों की एक श्रंखला अपनी अंदर समेटे हुए है जिसका हर कोई दीवाना है। लेकिन एक तथ्य यह भी है की आगरा आने वाले पर्यटक आगरा में मुश्किल से एक रात्रि ही प्रवास करते है जबकि आगरा के पडोसी राज्य दिल्ली और जयपुर में पर्यटक काफी दिन तक प्रवास करते है जिसका मुख्य कारन वहां के पर्यटक स्थल है जो की पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते है।
आज हम आपको आगरा शहर के नजदीक एक ऐसे ही प्राकर्तिक पिकनिक स्थल के बारे में जानकारी दे रहे है जिसका उल्लेख आपको कहीं देखने को नहीं मिलेगा लेकिन आगरा शहर के नज़दीक यह एकमात्र प्राकर्तिक स्थल है जहाँ आकर आपको बेहद सुकून और शांति मिलेगी यहाँ आने पर आपको प्रतीत ही नहीं होगा की आप आगरा या राजस्थान जैसे किसी मैदानी इलाके में है। पहली झलक में देखने पर यह स्थान हिमचाल के किसी गांव जैसा प्रतीत होता है।
दर्र बरहना झरना
आज हम आपको बताने जा रहे है दर्र बरहना झरने के बारे में जो कि आगरा शहर से मात्रा ९० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहाँ पहुँचने में लगभग २ घंटे का समय लगता है। दर्र बरहना झरना भरतपुर जिले के बयाना तहसील के अंतर्गत आता है और भरतपुर से इसकी दूरी लगभग २५ किलोमीटर है। जैसा की आप जानते है की राजस्थान दुनिया भर में अपनी मरुस्थलों के लिए जाना जाता है। लेकिन दर्र बरहना इस विषय में अपवाद है क्युकी यह एकमात्र ऐसी जगह है जहाँ आपको हरे भरे पहाड़ों के बीच से बहते हुए प्राकर्तिक झरने देखने को मिलते है। यहाँ आकर आप इन प्राकर्तिक नज़ारों में आनंद ले सकते है यहाँ झरनो में स्नान करके आपको अद्भुत आनंद की प्राप्ति होगी और आपका तन मन हर्षित हो उठेगा।
कैसे पहुंचे दर्र बरहना झरना ?
दर्र बरहना पहुँचने के लिए आप या तो आगरा फतेहपुर मार्ग की ओर से या फिर भरतपुर से बयाना होते हुए पहुँच सकते है। यदि आप आगरा से होकर जा रहे है तब आप फतेहपुरसीकरी से खनुआ वाले रोड से दाहिने हाथ पर मोड़ ले और वहां जाकर आपको एक फ्लाईओवर मिलेगा जिससे सीधा रास्ता बंद बरेठा बाँध के लिए गया है। बांध बरेठा बाँध से लगभग ८ किलोमीटर आगे यह दर्र भरहना गांव है जहाँ आपको यह प्राकर्तिक झरने देखने को मिलते है यहाँ आने के लिए रोड आपको बंद बरेठा बाँध तक ठीक मिलेगी फिर उसके बाद यह सड़क थोड़ी कच्ची और पथरीली है।
दर्र बरहना झरना का इतिहास
ऐसा कहा जाता है की इन प्राकर्तिक झरनों का इतिहास भरतपुर के महाराजा जसवंत सिंह के समय से है जब इन प्राकर्तिक झरनों में बरसात का एकत्रित जल खेत और खलियानो में आकर वहां की फसलों को नष्ट करने लगा तब महाराजा जावांथ सिंह ने इसके समीप बंद बरेठा बाँध का निर्माण किया जिससे की इन प्राकर्तिक झरनों का जल बंद बरेठा बाँध में एकत्र रहे और जरुरत के हिसाब से जनता के काम आ सके।
दर्र बरहना झरने के समीप दार्शनिक स्थल
दर्र बरहना झरना अपनी आप में बहुत ही सूंदर पिक्नीकन स्थल है और इसके समीप भी कई दार्शनिक स्थल मौजूद है जिनमे प्रमुख है बंद बरेठा बाँध , रुदावल हनुमान जी मंदिर, एवं किशन सिंह का महल। यह सभी दार्शनिक स्थल इस झरने से लगभग कुछ ही दूरी पर स्थित है।
दर्र बरहना झरने पर जाने से पहले ध्यान रखे
जैसा की आप जानते है की दर्र बरहना झरना प्रकृति की गॉड में बसा हुआ एक एकांत छेत्र है जहाँ आप सिर्फ दिन के समय जा सकते है। यहाँ रविवार और शनिवार को काफी लोग घूमने आते है अन्य दिन यह झरना सुनसान ही रहता है क्युकी अभी तक इस झरने को किसी पर्यटन स्थल की मान्यता नहीं मिली। यहाँ ज्यादातर पुरुष वर्ग के लोग ही आते है फॅमिली के लिए स्थान उतना सुरक्षित नहीं है क्युकी यह स्थान जंगलों के बीच सुनसान गाँव के समीप बसा हुआ है अथवा यहाँ समूह में जाना ही बेहतर है।